मेरा आँगन सूना है
और हर आँगन में खुशियाँ हैं
'सांई' जाने
कब तक मुझको
खुद ही
दीपक बन के जलना है !!
सूना आँगन लेकर मुझको
कब तक आगे बढ़ना है
अंधियारों से
कब तक मुझको
दीपक बन के लड़ना है !!
वो दिन कब आयेगा 'सांई'
जब खुद तुमको ही
इस सूने आँगन में
बन दीवाली -
जगमग जगमग होना है !!
( सांई = शिर्डी वाले सांई बाबा )
और हर आँगन में खुशियाँ हैं
'सांई' जाने
कब तक मुझको
खुद ही
दीपक बन के जलना है !!
सूना आँगन लेकर मुझको
कब तक आगे बढ़ना है
अंधियारों से
कब तक मुझको
दीपक बन के लड़ना है !!
वो दिन कब आयेगा 'सांई'
जब खुद तुमको ही
इस सूने आँगन में
बन दीवाली -
जगमग जगमग होना है !!
( सांई = शिर्डी वाले सांई बाबा )
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