कितने
अजीब संस्कार हैं
लोग भी
जिन्होंने
संस्कार बनाए !
कभी नहीं सोचा
कि -
जो इंसान
सुबह-शाम, रोज-रोज
शैतां होता है
अपनी औरत के लिए !
कभी मारता
कभी कचोटता
कभी निचोड़ता है
उसकी मर्जी
जो आए, करता है !
फिर भी
आज
वह शैतां
देवताओं की तरह
उसी औरत के हांथों
पूजा जाएगा
क्यों, क्योंकि
आज
करवा-चौथ है !
संस्कारों ने
उसे
देवता बनाया है
आज
उसकी लम्बी उम्र के लिए
दुआएं होंगी
प्रार्थनाएं होंगी
निर्जला उपवास रखे जाएंगे
उसे देखे बगैर
उसे पूजे बगैर
उपवास नहीं टूटेंगे !
आज
सच ! करवा चौथ है !!
अजीब संस्कार हैं
लोग भी
जिन्होंने
संस्कार बनाए !
कभी नहीं सोचा
कि -
जो इंसान
सुबह-शाम, रोज-रोज
शैतां होता है
अपनी औरत के लिए !
कभी मारता
कभी कचोटता
कभी निचोड़ता है
उसकी मर्जी
जो आए, करता है !
फिर भी
आज
वह शैतां
देवताओं की तरह
उसी औरत के हांथों
पूजा जाएगा
क्यों, क्योंकि
आज
करवा-चौथ है !
संस्कारों ने
उसे
देवता बनाया है
आज
उसकी लम्बी उम्र के लिए
दुआएं होंगी
प्रार्थनाएं होंगी
निर्जला उपवास रखे जाएंगे
उसे देखे बगैर
उसे पूजे बगैर
उपवास नहीं टूटेंगे !
आज
सच ! करवा चौथ है !!
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