कल रात -
तुम गुलाबी पंखुड़ी सी
लाल लिबास में लिपटी हुई थीं
सिर से पांव तक
लाल, लाल, लाल
लाल चुनरी
लाल गाल
लाल होंठ
लाल ब्लाउज
लाल मेंहदी से रचे हाँथ
लाल घाघरा
लाल मेंहदी से सजे पांव !
नजर मेरी
बार बार ठहर-सी जा रही थी
तुम पर
तुम, कहीं ज्यादा ख़ूबसूरत
और हसीन थीं
अद्भुत ...
शादी की रात
लड़कियाँ
दुल्हन के लिबास में
सच ! अद्भुत होती हैं !!
तुम गुलाबी पंखुड़ी सी
लाल लिबास में लिपटी हुई थीं
सिर से पांव तक
लाल, लाल, लाल
लाल चुनरी
लाल गाल
लाल होंठ
लाल ब्लाउज
लाल मेंहदी से रचे हाँथ
लाल घाघरा
लाल मेंहदी से सजे पांव !
नजर मेरी
बार बार ठहर-सी जा रही थी
तुम पर
तुम, कहीं ज्यादा ख़ूबसूरत
और हसीन थीं
अद्भुत ...
शादी की रात
लड़कियाँ
दुल्हन के लिबास में
सच ! अद्भुत होती हैं !!
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