उखाड़ो, उखाड़ फेंको
ऐंसी सत्ता, ऐंसे सत्ताधारियों को
जो खुद ही
दमन, शोषण, अत्याचार के
मसीहा हुए हैं !
कब तक
तुम इन्हें, यूं ही सहते रहोगे
कब तक
तुम इन्हें, यूं ही तकते रहोगे
कब तक
तुम, यूं ही खामोश बैठे रहोगे !
उठो, उठ बैठो
लड़ो, लड़ जाओ
उखाड़ो, उखाड़ फेंको
भ्रष्ट, घुटालेबाज, दुष्ट, अत्याचारी
व्यवस्था को, परम्परा को
मगर, कैंसे ... !
सत्य-अहिंसा के पथ पर
अनशन, आन्दोलन के रथ पर
गांधीवादी पदचिन्हों पर
तुम, हम, चलें, बढ़ें, बढ़ चलें
नई आजादी की ओर ...
सच ! एक नई आजादी की ओर !!
ऐंसी सत्ता, ऐंसे सत्ताधारियों को
जो खुद ही
दमन, शोषण, अत्याचार के
मसीहा हुए हैं !
कब तक
तुम इन्हें, यूं ही सहते रहोगे
कब तक
तुम इन्हें, यूं ही तकते रहोगे
कब तक
तुम, यूं ही खामोश बैठे रहोगे !
उठो, उठ बैठो
लड़ो, लड़ जाओ
उखाड़ो, उखाड़ फेंको
भ्रष्ट, घुटालेबाज, दुष्ट, अत्याचारी
व्यवस्था को, परम्परा को
मगर, कैंसे ... !
सत्य-अहिंसा के पथ पर
अनशन, आन्दोलन के रथ पर
गांधीवादी पदचिन्हों पर
तुम, हम, चलें, बढ़ें, बढ़ चलें
नई आजादी की ओर ...
सच ! एक नई आजादी की ओर !!
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