Monday, October 10, 2011

... मुहब्बत अच्छी नहीं होती !

मैं चाहत था, पर किसी के संग नहीं था
मैं कुछ तो था मगर, कुछ भी नहीं था !
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वो मरने के बाद खूब याद किये जा रहे हैं
जिन्हें जीते जी कभी पुकारा नहीं गया !
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सत्ता के लालच ने ऐंसा पाठ पढ़ा दिया
खच्चर को गधे का बॉस बना दिया !!
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लोग बे-वजह ही दौलत समेटने में मगन हैं 'उदय'
सच ! सब जानते हैं, खाली हाँथ जाना है !!
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 सच ! जहां बस्ती नहीं, वहां स्कूल बन रहे हैं
अब सरकार की मंशा, कोई बताये हमको !!
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सच ! समझ समझ के फेर हैं, वही लडडू, वही शेर हैं
कभी मीठे, कभी फीके, तो कभी कडुवे लगे हैं !!
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फक्र है मुझे दुश्मनों पे, जो सामने से टकरा रहे हैं
दोस्त हैं जो बे-वजह ही, पीठ पे खंजर चला रहे हैं !
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टहलते टहलते हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं 'उदय'
सच ! अब पीछे लौट पाना मुमकिन नहीं लगता !!
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 क्यूं सोचते हो, बदन की चाह में दीवाना हुआ हूँ मैं
ये भी सोच तनिक, बिना तेरे कुछ भी तो नहीं हूँ मैं !
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कहीं ऐंसा न हो, एक चेहरे पे दूसरा चेहरा नजर आए
जिसे हम पूजने बैठें, हो पापी पर 'देवता' नजर आए ! 
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खूब छेड़-छाड़ की है, किसी ने मेरी खामोशियों से
सच ! अब न सिर्फ वो, सारा शहर जागा हुआ है !!
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लो मियाँ, मुंह खुद-ब-खुद मीठा हो गया
उन्हें देखते ही, मुंह में पानी आ गया !!
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 ये करतब देखे हुए हैं, शायद यहाँ या कहीं और
सच ! कलम की, गजब जादूगरी है !!
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क्या खूब, ठोक-ठोक के पीटा है
लोहे का टुकड़ा, चीमटा हुआ है !
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आई लव यू, लिख कर हमने एस एम एस किया है
अभी जवाब आया नहीं है, उसे अंग्रेजी नहीं आती !
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इसका मतलब यह नहीं है कि - जान दे देंगे
तुम पे मरते हैं, मतलब तुम्हारे सांथ मरेंगे !
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 हुजुर, क्या आपके गुरु, बादशाह औरंगजेब के जमाने के हैं
जो घर से निकलते तो हैं, पर बिना हाथी के नहीं !!
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साहित्यिक मार्केट में अपुन ने भी, एक दुकान लगा ली है 'उदय'
शब्द दिल की क्यारियों में फले-फूले हैं, बस ISI मार्का नहीं है !!
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 कल तक खूब गुमां था उन्हें, अपनी चाहतों पर
अब कहते फिरे हैं, मुहब्बत अच्छी नहीं होती !
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नजर चुरा के देख रहे थे, देखते देखते किसी ने देख लिया
उफ़ ! यही बात कल तुमने कही थी, आज सब कह रहे हैं !

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