कभी बदरंग से थे -
जीवन
ख्याल
विचार
भावनाएं
सब बदरंग से थे
पर अब
रंग
मुझे छूने लगे हैं
मुझे भाने लगे हैं
मेरी आँखों में बसने लगे हैं !
अब मन
रंगों को देख-देख के -
मचलने लगा है
ललचाने लगा है
मेरे -
विचार
ख्याल
इरादे
भावनाएं
रंग में डूबने लगे हैं
रंग से होने लगे हैं !
सच ! तुम्हारे -
विचारों ने
प्रेम ने
मुस्कान ने
समर्पण ने
स्पर्श ने
आलिंगन ने
मुझे रंगीन कर दिया है !!
जीवन
ख्याल
विचार
भावनाएं
सब बदरंग से थे
पर अब
रंग
मुझे छूने लगे हैं
मुझे भाने लगे हैं
मेरी आँखों में बसने लगे हैं !
अब मन
रंगों को देख-देख के -
मचलने लगा है
ललचाने लगा है
मेरे -
विचार
ख्याल
इरादे
भावनाएं
रंग में डूबने लगे हैं
रंग से होने लगे हैं !
सच ! तुम्हारे -
विचारों ने
प्रेम ने
मुस्कान ने
समर्पण ने
स्पर्श ने
आलिंगन ने
मुझे रंगीन कर दिया है !!
No comments:
Post a Comment