पूरे गाँव में दीवाली का शोर था
हर इंसान कुछ न कुछ खरीद रहा था
किसी ने नए नए कपडे खरीदे
किसी ने सोने-चांदी के जेवर खरीदे
किसी ने ज़मीन खरीदी
किसी ने मकान खरीदा
किसी ने साइकल, तो किसी ने कार खरीदी
बहुतों ने बहुत कुछ खरीदा
जी ने जो-जो चाहा वो-वो खरीदा
वहीं पर तीन आम इंसान भी खड़े थे -
एक किसान
एक मजदूर
एक नौकर
तीनों गुमसुम गुमसुम से सोच रहे थे
कि -
दीवाली का बाजार लगा है
बच्चों के लिए
कुछ न कुछ तो खरीद ही लेते हैं
तीनों ने -
एक-दूसरे का मुंह देखते हुए पूंछा -
बताओ, क्या बेच के, क्या खरीद लें ???
हर इंसान कुछ न कुछ खरीद रहा था
किसी ने नए नए कपडे खरीदे
किसी ने सोने-चांदी के जेवर खरीदे
किसी ने ज़मीन खरीदी
किसी ने मकान खरीदा
किसी ने साइकल, तो किसी ने कार खरीदी
बहुतों ने बहुत कुछ खरीदा
जी ने जो-जो चाहा वो-वो खरीदा
वहीं पर तीन आम इंसान भी खड़े थे -
एक किसान
एक मजदूर
एक नौकर
तीनों गुमसुम गुमसुम से सोच रहे थे
कि -
दीवाली का बाजार लगा है
बच्चों के लिए
कुछ न कुछ तो खरीद ही लेते हैं
तीनों ने -
एक-दूसरे का मुंह देखते हुए पूंछा -
बताओ, क्या बेच के, क्या खरीद लें ???
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