Friday, January 28, 2011

मैं नेता हूँ !

मैं नेता हूँ, जीता हुआ नेता
अब तुम मेरा क्या कर लोगे !

क्या कर लोगे, बोलो, बताओ
भूल गए क्या ! दारू - मुर्गा !

मैंने तुमको खरीदा था
वोट के खातिर, नोट देकर !

तुमको गले से लगाया था
वरना क्या औकात थी तुम्हारी !

दर दर यूँ ही भटकते फिरते थे
भूल गए क्या ! औकात तुम !
मैंने तुम्हें, मान क्या दे दिया
क्या अब गोद में ही बैठोगे !

याद करो, कुछ तो शर्म करो
दारु-नोट-मुर्गा में बिकते थे !

झंडी लेकर चौक-चौराहे में
जय जयकार के नारे लगाते थे !

आओ, चले आओ, मत शर्माओ
बढ़ो, बढ़ो, पैर पकड़ आशीर्वाद ले लो !

वोट खरीदने, चुनाव जीतने के
सारे हुनर सीख गया हूँ !
अरे हां भई, चुनाव जीत गया हूं
नेता बन गया हूं, मैं अब तुम्हारा !!!

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