Saturday, January 29, 2011

मंहगाई !

मंहगाई, जितनी बढती है
बढने दो, मंहगाई है
अगर मंहगाई नहीं बढेगी
तो फ़िर क्या बढेगा
वैसे इस देश में
बढने - बढाने लायक
भ्रष्टाचार अपराध के अलावा
कुछ दिख भी नहीं रहा

मंहगाई बढने से
फ़ायदा ही फ़ायदा है
खाने-पीने
पहनने-ओढने
आने-जाने
सब के दाम
बढने दो, अच्छा है
बहुत अच्छा है

कम से कम
इसी बहाने
सुविधाओं के अभाव में
गरीब मरने लगेंगे
अच्छा होगा
देश से गरीब गरीबी
दोनो मिट जायेगी

कितना अच्छा
सीधा रास्ता है
गरीबी हटाने का
सरकारें सरकारी पिट्ठू
कितने खुश होंगे
जब गरीबी की
समस्या ही नहीं रहेगी

जब गरीब नहीं रहेगा
तो कम से कम
अमीरों को, बडे अफ़सरों को
देश के कर्णधार नेताओं को
गली-कूचे से गुजरने
नाक-मुंह सिकोडने से
पूरी तरह राहत मिल जायेगी

कितना अच्छा होगा
जब गरीबी मंहगाई को लेकर
कोई चिंतित नहीं रहेगा
जब गरीब नहीं रहेगा
तो मंहगाई का टंटा भी नहीं रहेगा
चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली होगी
मंहगाई घटने-बढने का
टेंशन ही नही रहेगा
साथ ही साथ
भारत बंद .... से भी राहत रहेगी
बढाओ ... और बढाओ मंहगाई !

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