Friday, January 28, 2011

भ्रष्टाचार ...... हाथ लगा दें !

देखो-देखो मौज हो रही
लुटेरों की फ़ौज हो रही
लूट-लूट के गर्व कर रहे
अकड़ रहे हैं, जकड रहे हैं
लोकतंत्र को चित्त किये हैं
और सीना ताने खड़े हुए हैं !

शान बढ़ रही, उनकी देखो
मान घट रहा, देश का देखो
आन की बारी, अब अपनी है
कब तक हम चुप बैठेंगे
मिलकर हम सब जोर लगा दें
चलो आज हम हाथ लगा दें !

क्या अपना, क्या तुपना सोचें
देश की हालत को हम देखें
आज नहीं, फिर कब जागेंगे
देश लुट रहा, मान लुट रहा
आखिर है ये देश हमारा
चलो आज हम हाथ लगा दें !

बढ़ो आज हम जोर लगा दें
मिलकर एक नई राह दिखा दें
भ्रष्टाचार से डगमग करती
देश की अपनी छोटी नैय्या
को मिल कर, हम पार लगा दें
चलो आज हम हाथ लगा दें !!!

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