इंसान अब, इंसान कम,
हैवान ज्यादा हो गया है
हर गली - हर मोड पर,
शैतान बन कर घूमता है
क्या मिला उसको
वो जब तक इंसा था
हैवान जब से बना
तो सरेआम हो गया है
भीख में मिलती नहीं
थीं रोटियां
लूटने निकला तो खूब
मिल रहीं हैं बोटियां
बद हुआ, बदनाम हुआ
और ज्यादा क्या हुआ
था निकम्मा वो बहुत
पर आज तो काम आ गया है
देखता है जब खुदी को
आँख के आईने में वो
शर्म क्या, शर्मसार वो
खुद के जहन में हो गया है
क्या हुआ इंसान को
जो हैवान ज्यादा हो गया है
इंसान अब, इंसान कम
शैतान ज्यादा हो गया है !
हैवान ज्यादा हो गया है
हर गली - हर मोड पर,
शैतान बन कर घूमता है
क्या मिला उसको
वो जब तक इंसा था
हैवान जब से बना
तो सरेआम हो गया है
भीख में मिलती नहीं
थीं रोटियां
लूटने निकला तो खूब
मिल रहीं हैं बोटियां
बद हुआ, बदनाम हुआ
और ज्यादा क्या हुआ
था निकम्मा वो बहुत
पर आज तो काम आ गया है
देखता है जब खुदी को
आँख के आईने में वो
शर्म क्या, शर्मसार वो
खुद के जहन में हो गया है
क्या हुआ इंसान को
जो हैवान ज्यादा हो गया है
इंसान अब, इंसान कम
शैतान ज्यादा हो गया है !
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