Monday, July 18, 2011

कदम-कदम !

रोज कदम हों
नए नए
और रोज बढ़ें हम
कदम कदम
एक दिन
मंजिल आ जायेगी
जब रोज चलें हम
कदम कदम !

कदम उठाएं
कदम बढाएं
कदम चलाएं
चलते जाएं, बढ़ते जाएं
न ठहरें, न थमें कहीं
एक मंजिल हो, एक कदम हों
तुम और हम हों, कदम कदम !

कदम कदम
हम चलते जाएं
चलते जाएं, बढ़ते जाएं
तूफानों से लड़ते जाएं
न हारें
और न घवराएं
पहुँच रहे हैं, पहुँच गए हैं
तेरे मेरे, हम सब के
मंजिल मंजिल, कदम कदम !!

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