पैर
जलते रहे
दर्द
बढ़ता रहा
फिर भी
हम, चलते रहे
कोई
कहता भी क्या
हम
सुनते भी क्या
सफ़र
चलता रहा
राहें, घटती रहीं
हम
चलते रहे
और, बढ़ते रहे
हमें
चलना ही था
आगे बढ़ना ही था
चलते रहे, चलते चले
कभी
सर्द रातें मिलीं
कभी
गर्म राहें मिलीं
हम
रुके नहीं
और, थके नहीं
चलते रहे, चलते चले
कदम दर कदम
मंजिलों
और, ख़्वाबों की ओर !!
जलते रहे
दर्द
बढ़ता रहा
फिर भी
हम, चलते रहे
कोई
कहता भी क्या
हम
सुनते भी क्या
सफ़र
चलता रहा
राहें, घटती रहीं
हम
चलते रहे
और, बढ़ते रहे
हमें
चलना ही था
आगे बढ़ना ही था
चलते रहे, चलते चले
कभी
सर्द रातें मिलीं
कभी
गर्म राहें मिलीं
हम
रुके नहीं
और, थके नहीं
चलते रहे, चलते चले
कदम दर कदम
मंजिलों
और, ख़्वाबों की ओर !!
2 comments:
CHALTE RAHO BAS CHALE RAHO
चलना ही तो जीवन है.
मैंने भी इसी विषय में कुछ लिखा है.
दुनाली पर देखें
चलने की ख्वाहिश...
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