Tuesday, April 5, 2011

उड़ान !

गर हम चाहें
तो आसमां छू लें
पर हम
ऐसा चाहते कब हैं
आओ चाहें
चाहतों को बढ़ा लें हम
ये जमीं, ये आसमां, घूम लें हम
बस
घड़ी-दो-घड़ी का, सफ़र होगा
आओ चलें
आजमा लें हम
जज्बे, हौसले, इरादों संग
चलो, एक छोटी सी उड़ान भर लें !!

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत खूब!!!