अब क्या कहें, किससे कहें
कुछ लोग हैं
जो कुछ का कुछ अलाप रहे हैं
कोई हैं जो -
जाति
धर्म
स्त्री
पुरुष
दलित
सवर्ण ...
के नाम पर गतिरोध पैदा करने में लगे हैं !
तो कोई हैं जो -
प्रधानमंत्री
सांसद
संसद
संसदीय प्रणाली ...
के नाम पर अनर्गल व्यानबाजी में लगे हैं !
तो कोई हैं जो -
न्याय
न्यायालय
न्यायपालिका
न्यायाधिपति
उच्च -
सर्वोच्च न्यायालय ...
के नाम पर गतिरोध डालने के भर्सक प्रयास में हैं !
क्या है, ये क्या हो रहा है, देश में, लोकतंत्र में
अरे भाई, मुद्दा भ्रष्टाचार का है
फिर
भ्रष्टाचारी भले चाहे जो हो
उसे दंड मिलना चाहिए !
कोई भी व्यक्ति, व्यक्तित्व, क़ानून से ऊपर नहीं हो सकता !
जब कल कोई सांसद ह्त्या करेगा !
जब कल कोई न्यायाधीश ह्त्या करेगा !
जब कल कोई प्रधानमंत्री ह्त्या करेगा !
तब
क्या उस हत्यारे को छोड़ दोगे !
शायद, नहीं !!
फिर, कोई भी भ्रष्ट, भ्रष्टाचार में लिप्त, भ्रष्टाचारी
भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून से ऊपर कैंसे हो सकता है !!!
कुछ लोग हैं
जो कुछ का कुछ अलाप रहे हैं
कोई हैं जो -
जाति
धर्म
स्त्री
पुरुष
दलित
सवर्ण ...
के नाम पर गतिरोध पैदा करने में लगे हैं !
तो कोई हैं जो -
प्रधानमंत्री
सांसद
संसद
संसदीय प्रणाली ...
के नाम पर अनर्गल व्यानबाजी में लगे हैं !
तो कोई हैं जो -
न्याय
न्यायालय
न्यायपालिका
न्यायाधिपति
उच्च -
सर्वोच्च न्यायालय ...
के नाम पर गतिरोध डालने के भर्सक प्रयास में हैं !
क्या है, ये क्या हो रहा है, देश में, लोकतंत्र में
अरे भाई, मुद्दा भ्रष्टाचार का है
फिर
भ्रष्टाचारी भले चाहे जो हो
उसे दंड मिलना चाहिए !
कोई भी व्यक्ति, व्यक्तित्व, क़ानून से ऊपर नहीं हो सकता !
जब कल कोई सांसद ह्त्या करेगा !
जब कल कोई न्यायाधीश ह्त्या करेगा !
जब कल कोई प्रधानमंत्री ह्त्या करेगा !
तब
क्या उस हत्यारे को छोड़ दोगे !
शायद, नहीं !!
फिर, कोई भी भ्रष्ट, भ्रष्टाचार में लिप्त, भ्रष्टाचारी
भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून से ऊपर कैंसे हो सकता है !!!
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