एक तरफ
एक ईमानदार
तो दूजी तरफ
बेईमान हैं !
एक तरफ
कोई भूखा-प्यासा
तो दूजी तरफ
भरे पेट हैं !
फिर भी, फर्क है
दोनों तरफ
कोई अपने लिए
तो कोई
अपनों के लिए
लड़ रहा है !
कुछ लोग
खुले हवा महल में
आपस में,
अपने अपने लिए
लड़-भिड़ रहे हैं
तो कोई
खुले आसमां तले
अपनों के लिए
कुर्बान है !
ये कैसा तंत्र है
कैंसे-कैंसे लोग हैं
कैंसी-कैंसी सोच हैं
विचारधाराएँ हैं
धारणाएं हैं
जिज्ञासाएं हैं
मंशाएं हैं
लालसाएं हैं
नीतियाँ हैं
कौन समझे, कौन समझाए
ये कैसा तंत्र है, कैंसे लोग हैं !!
एक ईमानदार
तो दूजी तरफ
बेईमान हैं !
एक तरफ
कोई भूखा-प्यासा
तो दूजी तरफ
भरे पेट हैं !
फिर भी, फर्क है
दोनों तरफ
कोई अपने लिए
तो कोई
अपनों के लिए
लड़ रहा है !
कुछ लोग
खुले हवा महल में
आपस में,
अपने अपने लिए
लड़-भिड़ रहे हैं
तो कोई
खुले आसमां तले
अपनों के लिए
कुर्बान है !
ये कैसा तंत्र है
कैंसे-कैंसे लोग हैं
कैंसी-कैंसी सोच हैं
विचारधाराएँ हैं
धारणाएं हैं
जिज्ञासाएं हैं
मंशाएं हैं
लालसाएं हैं
नीतियाँ हैं
कौन समझे, कौन समझाए
ये कैसा तंत्र है, कैंसे लोग हैं !!
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