Wednesday, August 17, 2011

उजाले की ओर

लम्बे ... घोर अंधेरे के बाद
चलते चलते, राह में
जब
नजर आती है, हमें
एक उम्मीद की किरण
किरण के ...
नजर आते ही, नजर आने पर ही
शुरू होता है
पुन: एक नया सफ़र
घोर अंधेरे को चीरते हुए
इस पार से, उस पार की ओर
उम्मीदों
आशाओं
जिज्ञासाओं के संग ...
नए उत्साह
नए कदमों
नई ऊर्जा के संग ...
हताशाओं, मायुशियों, को पीछे छोड़कर
आगे
सिर्फ आगे
सिर्फ आगे की ओर ...
कदम-दर-कदम
छोटे-छोटे कदमों के संग
हम बढ़ते हैं
अंधकार से ... उजाले की ओर !!

No comments: