होता है अक्सर
कभी कभी कुछ लोग
देखने में बहुत बड़े दिखते हैं
पर
जब हम उन्हें करीब से -
देखते हैं
समझते हैं
जानते हैं
पहचानते हैं
तब हमें यह एहसास हो पाता है
कि -
वे उतने बड़े नहीं हैं
जितने बड़े हमें दिखाई देते हैं !
क्यों, आखिर क्यों
ऐसा होता है !
क्यों हम धोखा खा जाते हैं
शायद, इसलिए, कि -
यह दुनिया चका-चौंध की नगरी है
जो
अपने आप को चका-चौंध में
खुद को हिट कर लेता है
वह
भले छोटा सही
पर
दिखाई देता है अक्सर हमें बड़ा !!
कभी कभी कुछ लोग
देखने में बहुत बड़े दिखते हैं
पर
जब हम उन्हें करीब से -
देखते हैं
समझते हैं
जानते हैं
पहचानते हैं
तब हमें यह एहसास हो पाता है
कि -
वे उतने बड़े नहीं हैं
जितने बड़े हमें दिखाई देते हैं !
क्यों, आखिर क्यों
ऐसा होता है !
क्यों हम धोखा खा जाते हैं
शायद, इसलिए, कि -
यह दुनिया चका-चौंध की नगरी है
जो
अपने आप को चका-चौंध में
खुद को हिट कर लेता है
वह
भले छोटा सही
पर
दिखाई देता है अक्सर हमें बड़ा !!
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