Saturday, August 20, 2011

उफ़ ! ये जन लोकपाल !!

भाई साहब
हम आपकी, 'आई मीन' जनता की
हरेक बात, मानने को तैयार हैं
सिवाय
'जन लोकपाल' की मांग के
कुछ तो समझो, समझने की कोशिश करो
हमारी भी मजबूरी !
सिर्फ मुद्दा 'जन लोकपाल' का नहीं है
अन्ना का है
आप तो जानते ही हो कि -
अन्ना, कितना अड़ियल 'टाईप' का आदमी है
किसी की सुनता ही नहीं है
अड़ जाता है, तो बस अड़ जाता है
अगर
अन्ना की ख्वाहिश
सिर्फ 'जन लोकपाल' ही होती, तो
शायद, हम, मान भी जाते
पर
उसके इरादे कुछ और ही हैं
'सांई' जाने, क्या-क्या मंसूबे हैं उसके
पर, हमें तो, सिर्फ इतना पता है कि -
अगर, हमने, उसकी एक बात मान ली
तो वह धीरे-धीरे, अपनी सारी बातें मनवा कर
हमें सड़क पर ला कर ही दम लेगा
बहुत, बहुत ही ज्यादा खतरनाक इरादे हैं उसके
राजनैतिक सिस्टम, नहीं, हमारे राजनैतिक सिस्टम को
वह ध्वस्त कर के ही दम लेगा
वह हमें, हममें से बहुतों को जेल में डलवा के -
तो बहुतों को सड़क पे, लाकर ही दम लेगा
अब बताओ, आप ही कुछ बताओ
कैसे, कैसे मान लें, हम उसकी मांग ...
आखिर हम भी तो सरकार हैं
भले ही सत्ता के पक्ष, या विपक्ष में हैं
पर, हैं तो सब, हम भाई-भाई
हम चुने हुए, जीते हुए, जन प्रतिनिधी हैं
उफ़ ! ये जन लोकपाल !!