नेकी, कौन-सी नेकी /
शायद वही तो नहीं /
जिसे लोग कहते हैँ /
नेकी कर दरिया में डाल,
आज के समय में नेकी /
किसके लिये नेकी /
शायद उनके लिये /
जिन्हें नेकी का मतलब पता नहीं /
या फिर उनके लिये /
जिन्हें ज़रूरत तो है /
पर जिनकी नज़रें बदल चुकी हैं
अब नेकी करने वाले /
'ख़ुदा के बन्दों' को भी /
मतलबी समझने लगे हैं लोग
नेकी, अब छोड़ो भी नेकी /
अब वो समय नहीं रहा /
जब नेकी करने वालों को /
'ख़ुदा का बन्दा' कहा करते थे लोग /
अब ज़रूरत मन्दों की /
नज़रें बदल रही हैँ /
ज़रूरत तो है /
सामने ख़ुदा का बन्दा भी है
पर क्या करेँ /
हालात ही कुछ ऐसे हैं /
देखने वालों को /
ख़ुदा के बन्दे भी /
मतलबी दिख रहे हैँ
अब समय नहीं रहा /
नेकी करने का /
दरिया में डालने का /
लोग अब नेकी करने का मतलब /
कुछ और ही समझने लगे हैं
सामने 'ख़ुदा का बन्दा' तो क्या /
ख़ुद "ख़ुदा" भी आ जाये /
तब भी . . . . . . . . . . . . . . ।
शायद वही तो नहीं /
जिसे लोग कहते हैँ /
नेकी कर दरिया में डाल,
आज के समय में नेकी /
किसके लिये नेकी /
शायद उनके लिये /
जिन्हें नेकी का मतलब पता नहीं /
या फिर उनके लिये /
जिन्हें ज़रूरत तो है /
पर जिनकी नज़रें बदल चुकी हैं
अब नेकी करने वाले /
'ख़ुदा के बन्दों' को भी /
मतलबी समझने लगे हैं लोग
नेकी, अब छोड़ो भी नेकी /
अब वो समय नहीं रहा /
जब नेकी करने वालों को /
'ख़ुदा का बन्दा' कहा करते थे लोग /
अब ज़रूरत मन्दों की /
नज़रें बदल रही हैँ /
ज़रूरत तो है /
सामने ख़ुदा का बन्दा भी है
पर क्या करेँ /
हालात ही कुछ ऐसे हैं /
देखने वालों को /
ख़ुदा के बन्दे भी /
मतलबी दिख रहे हैँ
अब समय नहीं रहा /
नेकी करने का /
दरिया में डालने का /
लोग अब नेकी करने का मतलब /
कुछ और ही समझने लगे हैं
सामने 'ख़ुदा का बन्दा' तो क्या /
ख़ुद "ख़ुदा" भी आ जाये /
तब भी . . . . . . . . . . . . . . ।
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