बात बिगड़ते देख वो
मस्तमौला हो लिए
तैश सी बातें सुने जब
डगमग डगमग हो लिए
ना ठंडे, ना गरम
सम्बन्ध गुनगुने कर लिए !
कौन ठिठुरता ठण्ड में
या झुलसता धूप में
न इधर, न उधर
पकड़ी एक नई डगर
बीच के रस्ते सुहाने
जानकर और मानकर
नेता, अफसर, पत्रकार
गुनगुने, गुनगुने से हो लिए !!
मस्तमौला हो लिए
तैश सी बातें सुने जब
डगमग डगमग हो लिए
ना ठंडे, ना गरम
सम्बन्ध गुनगुने कर लिए !
कौन ठिठुरता ठण्ड में
या झुलसता धूप में
न इधर, न उधर
पकड़ी एक नई डगर
बीच के रस्ते सुहाने
जानकर और मानकर
नेता, अफसर, पत्रकार
गुनगुने, गुनगुने से हो लिए !!
1 comment:
मध्यम मार्ग सर्वोत्तम....:)
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