Tuesday, March 15, 2011

इम्तिहां !!

पता नहीं क्यूं जिंदगी
हर पल इम्तिहां लेती है
कभी अपने तो कभी गैर
झकझोर देते हैं जज्वातों को
मन की उमंगे-तरंगें
लहरों की तरह
कभी इधर तो कभी उधर
न जाने क्यूं कदम मेरे
साथ चलने में ठिठक जाते हैं !!

1 comment:

संजय भास्‍कर said...

..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती