( ... प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान द्वारा दिनांक - २७-२८ फरवरी को बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रम "फिर फिर नागार्जुन" के सन्दर्भ में ... )
...
कुछ छोटे बहुत बड़े,
तो कुछ बड़े बेहद सहज दिखे !
...
विजय बहादुर सिंह,
न जाने क्यों आँखों में बस गए !
...
किसी से नहीं मिला,
पर बहुतों से मुलाक़ात हो गई !
...
एक शक्सियत से,
मिलते मिलते, ठहर गया !
...
बड़े बड़े मिजाज के लोग,
छोटी छोटी यादें बिखेर गए !
...
प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान के लिए,
एक मील का पत्थर !
...
विश्वरंजन, कहीं कुछ,
नाम के अनुरूप नजर आए !
...
मैं क्या था, क्यों था, कहाँ तक था पहुंचा,
चर्चा जारी रखें !
...
देख-सुन कर, मैंने भी,
न जाने क्या क्या सीख लिया !
...
फिर फिर नागार्जुन,
एक अविस्मर्णीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
...
संस्मरण : बाबा नागार्जुन,
कुछ भूल गए, कुछ याद रहे !!
...
...
( ... आयोजन को देखने-सुनने के बाद ... न जाने क्यों ... ये पंक्तियाँ मेरे जहन में बिजली सी कौंध पडीं ... जिन्हें प्रस्तुत करने से यहाँ खुद को नहीं रोक पा रहा हूँ .... इसलिए प्रस्तुत हैं ... इन पंक्तियों में छिपे भावों पर फिर कभी प्रकाश डालने का प्रयास अवश्य करूंगा ....... !! )
...
लिखना, बहुत कुछ, बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ
पर जब, जेब में हांथ डालता हूँ, निकाल नहीं पाता !!
...
...
तो कुछ बड़े बेहद सहज दिखे !
...
विजय बहादुर सिंह,
न जाने क्यों आँखों में बस गए !
...
किसी से नहीं मिला,
पर बहुतों से मुलाक़ात हो गई !
...
एक शक्सियत से,
मिलते मिलते, ठहर गया !
...
बड़े बड़े मिजाज के लोग,
छोटी छोटी यादें बिखेर गए !
...
प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान के लिए,
एक मील का पत्थर !
...
विश्वरंजन, कहीं कुछ,
नाम के अनुरूप नजर आए !
...
मैं क्या था, क्यों था, कहाँ तक था पहुंचा,
चर्चा जारी रखें !
...
देख-सुन कर, मैंने भी,
न जाने क्या क्या सीख लिया !
...
फिर फिर नागार्जुन,
एक अविस्मर्णीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
...
संस्मरण : बाबा नागार्जुन,
कुछ भूल गए, कुछ याद रहे !!
...
...
( ... आयोजन को देखने-सुनने के बाद ... न जाने क्यों ... ये पंक्तियाँ मेरे जहन में बिजली सी कौंध पडीं ... जिन्हें प्रस्तुत करने से यहाँ खुद को नहीं रोक पा रहा हूँ .... इसलिए प्रस्तुत हैं ... इन पंक्तियों में छिपे भावों पर फिर कभी प्रकाश डालने का प्रयास अवश्य करूंगा ....... !! )
...
लिखना, बहुत कुछ, बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ
पर जब, जेब में हांथ डालता हूँ, निकाल नहीं पाता !!
...
...
3 comments:
ब्लॉग लेखन में आपका स्वागत, हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए तथा पत्येक भारतीय लेखको को एक मंच पर लाने के लिए " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" का गठन किया गया है. आपसे अनुरोध है कि इस मंच का followers बन हमारा उत्साहवर्धन करें , साथ ही इस मंच के लेखक बन कर हिंदी लेखन को नई दिशा दे. हम आपका इंतजार करेंगे.
हरीश सिंह.... संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"
हमारा लिंक----- www.upkhabar.in/
शुक्रिया।
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
Post a Comment